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अलार्म व सिक्योरिटी सिस्टम क्या है?
सिक्योरिटी अलार्म-
सिक्योरिटी अलार्म
एक ऐसा सिस्तम है, जो किसी बिल्डिंग या अन्य एरिया में होन वाली चोरी, घुसपैठ,
अतिक्रमण और अनाधिकृत प्रवेश को रोकने के लिए बनाया गया है। सिक्योरिटी अलार्म का उपयोग विभिन्न जगहों जैसे कि निवास स्थान, व्यवासायिक,
औद्दोगिक क्षेत्र में होता है। ये सम्पत्ति को चोरी होने, उसको
नुकसान होने के साथ - साथ ही व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए भी बहुत उपयोगी होता है।
सक्यिोरिटी अलार्म रजिडेंसियल व कॉमर्सियल एरिया में चारियों को कम करने में बहुत
उपयोगी साबित होता है। ये एक कार अलार्म के जैसे ही काम करता है, जैसे कार अलार्म से आपके कार और उसके समान की सुरक्षा होती है, उसी प्रकार सिक्योरिटी अलार्म से आपके घर व बिज़नेस की सुरक्षा होती है।
इसका उपयोग बैंको व जेलों में भी किया जाता है।
कुछ अलार्म का एक ही
उद्दशय होता है, चोरी
हाने से रोकना। जबकि कुछ अलार्म सिस्टम का निर्माण चोरी के साथ साथ अन्य सुरक्षा
जैसे आग से हाने वाली घटनाओं से बचाने के लिए भी किया जाता है। जबकि कुछ अलार्म
ऐसे भी होते हैं जो चारी व आग से सुरक्षा देने के साथ साथ वीडियों भी रिकॉर्ड कर
सकते हैं। जिससे चारी होने के समय की वारदात हो हम वीडियों मे कैद कर सकते हैं।
कुछ सिक्योरिटी सिस्टम इलेक्ट्रिली लॉक्ड डोर की भी सुविधा देते हैं जिससे आप
कहीं से भी अपने दरवाजे को लॉक व अनलॉक कर सकते हैं। सिक्योरिटी सिस्टम कई प्रकार
के हो सकते हैं। कुछ सिस्टम सेल्फकन्टेननॉयज मेकर(self-contained
noisemakers) होते हैं तो कुछ काम्पलीकेटेड(complicated) होते हैं, तो कुछ म्ल्टीएरिया(multi area) सिस्टम जो कम्प्यूटर मोरिटरिंग के साथ आते हैं।
ये वन-वे(one-way) कम्यूनीकेशन के भी होते हैं और टू-वे(two-way) कम्यूनीकेशन के साथ भी आते हैं जो पैनल और मोनिटरिंग स्टेशन के बीच कम्यूनीकेशन
को स्थापित करते हैं।
सिक्योरिटी सिस्टम के भाग-
ज्यादातर अलार्म सिस्तम
में एक या एक से अधिक सेंसर होते हैं जो घुसपैठियों को डिटेक्ट करने के लिए उपयोग
होते हैं। उनके साथ एक साइरन या अलर्टिंग डिवाइस भी कहते हैं जो चोर के डिटेक्ट होने
पर अलार्म बजाता है। ज्यादातर सिक्योरटी डिवाइस में निम्न कम्पोनेन्ट होते
हैं-
अलार्म कन्ट्रोल पैनल या पैनल - यह सिस्तम का मुख्य भाग होता है। ये सेंसर के इनपुट को पढ़ता है, एक्टिवेशन व डिएक्टिवेशन के स्टेट्स
को ट्रैक करता है और अलार्म सिग्नल को पढ़ कर मोनिटरिंग स्टेशन व यूजर को उसकी
जानकारी भेजता है। नयी टेक्नोलॉजी के ज्यादातर सिस्टम एक या एक से अधिक कम्पयूटर
मेटल सर्किट बोर्ड के काम्बीनेशन से मिलकर बनता है जिसे पॉवर सप्लाई की आवश्यकता
होती है।
सेंसरस - ये ऐसी डिवाइस होती है जिसका उपयोग घुसपैठ(intrusions) को डिटेक्ट करने के लिए होता है। ये सामान्यत: सुरक्षित एरिया जैसे कि इनडोर(interior), आउटडोर(perimeter) या दोनो जगह लगाये जाते हैं। सेंसर कई तरह से घुसपैठ(intrusions) को डिटेक्ट कर सकते हैं जैसे कि किसी दरवाजे व खिड़की के खुलने पर, या किसी भी व्यक्ति के मोशन(गति)
को डिटेक्ट करके या किसी प्रकार के साउंड या कंपन से।
अलर्टिंग मशीन - ये अलार्म को इंडिकेट करती हैं। आम भाषा में इन्हें साइरन, बेल या फ्लैसिंग लाइट भी कहते हैं। इस डिवाइस को
उपयोग कई कामों के लिए होता हैं जैसे कि पहले तो ये चोरों को सीधे-सीधे वारनिंग
देती है, जो चोर को
डराने के लिए काफी है। इसके अलावा ये कई तरह के अलार्म का इंडिकेशन भी देती हैं
जैस कि फायर अलार्म व स्मोक अलार्म आदि का।
रिमोट-की - ज्यादातर नये सिक्योरिटी सिस्टम में रिमोट-की की सुविधा होती है जिससे
यूजर सिस्टम को एक्टिवेट, डिएक्टिवेट
व होम एकटिवेट कर सके। इसके अलावा इसमें पेनिक बटन भी होती है जिसका उपयोग यूजर
इमरजेन्सी के दौरान करता है।
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